घुटना दर्द, जोड़ों से कटकट की आवाज, घुटनों पर सूजन, ग्रीस कम होना का हम क्या क्या इलाज कर सकते हैं?
अगर आपको चलने फिरने में घुटना दर्द होता है, सीढ़ियां चढ़ने से जोड़ों से कटकट की आवाज आती है, घुटनों पर सूजन आ जाती है, घुटनों के अंदर ग्रीस कम हो गया है, घुटनों के कार्टिलेज घिस गए हैं और कार्टिलेज घिस जाने से हड्डियां आपस में रगड़ने लगी हैं। बहुत तेज दर्द आपको रहता है और सर्दियों में आपका यह दर्द और ज्यादा बढ़ गया है तो यह आर्टिकल पूरा जरूर पढ़ें, क्योंकि इस समस्या का ऐसा इलाज मैं आपको बताने वाला हूं, जिसके करने से कभी भी आपकी हड्डियां कमजोर नहीं रहेंगी। आपके जोड़ों के जो कार्टिलेज घिस गए हैं, जहां पर घाव बन गए हैं, जहां का ग्रीस एकदम खत्म हो गया है। वहां भी दोबारा से बनने लगेंगे। कार्टिलेज के घाव ठीक हो जाएंगे और आपके जोड़ एक फौलादी जोड़ बन जाएंगे। आगे आर्टिकल में मैं आपको एक होम्योपैथिक कॉम्बिनेशन बताने वाला हूं। अगर आप दो महीने इस कॉम्बिनेशन का सेवन कर लोगे तो आपको फिर जीवन भर जोड़ों की कोई भी समस्या नहीं रहेगी । सबसे पहले जान लेते हैं कि जोड़ों में दर्द होता क्यों है। जब हमारी हड्डियां कमजोर होने लगती हैं तभी जोड़ों में दर्द की शुरुआत होती है। हमारे शरीर में जितने भी जोड़ हैं इन जोड़ों में एक सही मूवमेंट करने के लिए जोड़ के ऊपर कार्टिलेज होते हैं जब हमारी हड्डियां कमजोर होने लगती हैं तो ये जोड़ों के कार्टिलेज घिस जाते हैं और कार्टिलेज में घाव बन जाते हैं। जब यह कंडीशन किसी के घुटने की हो जाती है या किसी के जोड़ की हो जाती है तो इसे ऑस्टियोआर्थराइटिस बोलते हैं ।ऑस्टियोआर्थराइटिस आपको जेनेटिक भी हो सकता है ।ऑस्टियोआर्थराइटिस आपको ऑटो इम्यून डिजीज के कारण भी हो सकता है। इसके अंदर आपकी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। सबसे पहले हड्डियों से कटकट की आवाज आनी शुरू हो जाती है यह कटकट की आवाज तब आती है जब हमारे जोड़ों के अंदर ग्रीस कम हो जाता है और ग्रीस के कम होने से वहां पर की जो मूवमेंट है वो काफी रफ हो जाती है, जिसके कारण से कार्टिलेज घिसने लगते हैं अब यह सारी समस्या हमारी हड्डियों से संबंधित ही है। जब आपके कार्टिलेज ठीक होंगे तो जब आप तेज दौड़ोगे या तेज चलोगे तो कार्टिलेज के अंदर से फ्लूड निकलेगा इस फ्लूड को ही हम ग्रीस कहते हैं। यह ग्रीस हमारे जोड़ों में एक स्मूथनेस पैदा करता है। घुटना दर्द होने के दो-तीन कारण हो सकते हैं पहला कारण है ग्रीस की कमी होना दूसरा कारण है कैल्शियम की कमी होना तीसरा कारण है विटामिन डी की कमी होना अगर इन तीनों में से कोई भी एक चीज आपकी बॉडी के अंदर कम होने लगती है या तीनों ही चीज कम होने लगती है तो आपके जोड़ों में दर्द रहने लगता है। जोड़ों से आवाज आने लगती है और यह समस्या आगे चलकर ऑस्टो अर्थराइटिस में बदल जाती है तो चलिए अब जान लेते हैं कि इस समस्या से बचने के लिए इलाज क्या है। इस समस्या को ठीक करने के लिए आपको तीन उपाय बताऊंगा यह उपाय आपको दो महीने जरूर ही करने हैं।
1. पहला उपाय ये कि अगर आप अपने जोड़ों को सही रखना चाहते हैं जोड़ों को स्मूथ रखना चाहते हैं तो सबसे पहला काम जो आपको करना है वह है लो इंपैक्ट एक्सरसाइज ऐसी एक्सरसाइज जिससे आपके जोड़ों पर बहुत ज्यादा इंपैक्ट नहीं पड़ता बहुत ज्यादा प्रेशर नहीं पड़ता तो आपको जरूर यह एक्सरसाइज करनी चाहिए इसमें से पहली एक्सरसाइज है साइकलिंग दोस्तों जब आप साइकलिंग करते हैं तो यह आपके घुटनों के जोड़ों के लिए बहुत अच्छी एक्सरसाइज है तो जिसको भी घुटनों में दर्द रहता है घुटनों में समस्या रहती है उन्हें जरूर रोज साइकलिंग करनी चाहिए। साइकलिंग आप 5 मिनट से शुरुआत करें और इसे 30 मिनट तक ले जाएं। आपके घुटनों के लिए एक्सरसाइज में साइकलिंग से अच्छी दूसरी कोई एक्सरसाइज नहीं है। एक और बहुत अच्छी एक्सरसाइज है जो आपके पूरे बॉडी के जोड़ों में काम करती है। उसके लिए आपको पानी में उतरना पड़ता है और वो है स्विमिंग। स्विमिंग करने से आपके पूरे बॉडी के जोड़ स्मूथ रहते हैं अगर आप अपने जोड़ों को सही रखना चाहते हैं तो स्विमिंग भी उसके लिए बेस्ट एक्सरसाइज है तो आप इनमें से कोई भी एक्सरसाइज कर सकते हैं। उसके अलावा आप योगा भी कर सकते हैं। घुटना दर्द में कौन-कौन से योग कर सकते हैं जानने के लिए यहां क्लिक करें। gathiya baat ke liye yoga । गठिया बाय का दर्द कैसे ठीक होता है
2. दूसरा उपाय जो आपको करना है वो है आपको रोज एक घंटा धूप में बैठना होगा अभी गर्मी का मौसम है इसलिए सुबह 10 बजे से पहले आप जरूर अपने लिए टाइम निकाल के आधा से एक घंटा धूप में बैठना चाहिए। अगर आपके घुटनों में ज्यादा समस्या नहीं है तो आप धूप में पैदल भी चल सकते हैं लेकिन जब आप धूप में बैठोगे या धूप में पैदल चलोगे उस दौरान आपके शरीर पर जितने कम कपड़े रहेंगे उतना ही आपके लिए अच्छा है। यह भी आपके घुटना दर्द के इलाज में लाभदायक सिद्ध होता है।
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3. तीसरा उपाय है दवा और डाइट का जो हमारे जोड़ों के लिए एक बहुत जरूरी तत्व होता है। जो अक्सर हमारी डाइट में नहीं पाया जाता उसका नाम है ओमेगा थ्री फैटी एसिड। ओमेगा थ्री फैटी एसिड हमारे जोड़ों के लिए बहुत अच्छी चीज है। अगर आपके जोड़ों में साइनवूड्स की कमी हो गई है तो आप उसे केवल ओमेगा थ्री फैटी एसिड से पूरा कर सकते हैं। ओमेगा थ्री फैटी एसिड के लिए अगर आप नॉनवेज खाते हैं तो आप फिश खाइए। फिश में काफी अच्छी मात्रा में ओमेगा थ्री फैटी एसिड होते हैं, लेकिन अगर आप वेजिटेरियन हैं तो आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है अखरोट आपको अखरोट जरूर खाने चाहिए। अखरोट के अंदर भी भरपूर मात्रा में ओमेगा थ्री फैटी एसिड होता है।
अब देखते हैं होम्योपैथिक कॉम्बिनेशन। इस होम्योपैथिक कॉम्बिनेशन को बनाने के लिए आपको तीन होम्योपैथिक दवा लेने हैं सबसे पहला दवा है (Ruta Graveolens 30) Ruta Graveolens हमारे जोड़ों के लिए, हमारी हड्डियों के लिए बहुत अच्छी होम्योपैथिक दवा है दूसरी दवा है (Arnica 30) Arnica दर्द के लिए, शरीर में कहीं पर भी जख्म है, चोट है उसके लिए बहुत अच्छी होम्योपैथिक दवाई है और तीसरी दवा है (Rhus toxicodendron 30) Rhus tox भी वात समस्या की बहुत अच्छी दवा है तो इन तीनों को हम एक जगह मिला लेंगे वो भी बराबर मात्रा में अब इस कॉम्बिनेशन की 10-10 बूंदे हमें दिन में तीन बार इस्तेमाल करनी है आप इसे डायरेक्ट अपने मुंह में भी डाल सकते हैं। अगर आपको मुंह में डालने से यह तीखी लगती है तो आप इसे थोड़े से गर्म पानी में डाल के भी पी सकते हैं। इसके अलावा दो दवाइयां आपको और लेनी है पहली दवाई है (SILICEA 6x) और (Calcarea Phosphorica 6x) इन दोनों दवाइयों की चार-चार गोली आपको दिन में तीन बार अपने मुंह में डाल के चूसनी है। इसमें जो Calcarea Phosphorica है वह तो आपके शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर करेगी, हड्डियों को मजबूत बनाएगी और जो इसमें SILICEA 6x है वह आपके घुटनों के अंदर जो कार्टिलेज घिस गया है उस कार्टिलेज पर जख्म बन गए हैं उसे रिपेयर करेगी, क्योंकि होम्योपैथी में सिलीसिया हीं ऐसी दवाई है जो कार्टिलेज को दोबारा से पैदा कर सकती है।
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आपको दो महीने होम्योपैथिक दवाइयां इस्तेमाल करनी है और जो एक्सरसाइज उपर आपको बताया गया है वह करनी है। उसके साथ-साथ अगर आप अपनी डाइट में अखरोट को भी शामिल करेंगे तो आपको बहुत जबरदस्त रिजल्ट मिलेंगे।
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Note:- यह केवल जानकारी स्वरुप है। किसी भी तरह की दवाई लेने से पहले किसी योग्य होम्योपैथिक चिकत्सक से सम्पर्क जरुर करें।
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