डायरिया क्या है? (Diarrhoea kya hai)
Diarrhoea एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो आपकी पाचन प्रणाली को प्रभावित करती है। इसमें लूज मोशन, जिसे बार-बार और अधिकतम गति के साथ दस्त कहा जाता है, होता है। यह आमतौर पर वायरस, बैक्टीरिया या पाचन संबंधी समस्याओं के कारण हो सकता है। डायरिया में तेजी से विशेष धातुओं और पानी की हानि होती है, जो शरीर की ताकत को कम कर सकती है। इसलिए, समय पर उपचार और परहेज के साथ आपको डायरिया का सामना करना चाहिए। आज हम इस ब्लॉग में डायरिया के बारे में जानेंगे कि वह कैसे होता है और उसका उपचार क्या हैः-
डायरिया के प्रकार (types Of Diarrhoea)
डायरिया कई प्रकार का हो सकता है, जैसे कि:
- वायरल डायरिया: यह डायरिया वायरस के कारण होता है, जैसे कि रोटावायरस या नोरोवायरस।
- बैक्टीरियल डायरिया: यह डायरिया बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है, जैसे कि सैलमनेला या ई.कोलाइ।
- अल्लर्जिक डायरिया: यह खाने में अल्लर्जी के कारण हो सकता है।
- गुट्टा डायरिया: यह डायरिया गलत खानपान के कारण होता है, जैसे कि अधिक तेलीय खाद्य आदि।
- स्ट्रेस के कारण डायरिया: कई बार मानसिक तनाव या स्ट्रेस के कारण भी डायरिया हो सकता है।
दस्त होने के कारण (Diarrhea or Loose Motion Causes in Hindi )
डायरिया कई कारणों से हो सकता है ( Causes of Diarrhea in Hindi ) जैसे कि:
- संक्रमण: वायरस, बैक्टीरिया या पैराजीविक कीटाणुओं के संक्रमण के कारण डायरिया हो सकता है।
- खाने की असंतुलना: अधिक तेलीय, मिर्चीयाँ या तीखे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से या अन्य खाद्य संबंधित असंतुलना के कारण डायरिया हो सकता है।
- दवाओं का सेवन: कुछ दवाओं का अधिक सेवन करने से भी डायरिया हो सकता है, जैसे कि एंटीबायोटिक्स।
- आहार में अलर्जी: किसी खाद्य पदार्थ के प्रति अलर्जी होने पर भी डायरिया हो सकता है।
- तनाव और चिंता: मानसिक तनाव और चिंता भी डायरिया का कारण बन सकते हैं।
- गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल समस्याएं: ऐसे रोग जैसे कि आइबीएस (आइरिटेबल बोल लिन्ड्रोम) भी डायरिया का कारण बन सकते हैं।
- वायरल फेफड़ा: ऐसे रोग जैसे कि कोलेरा, रोटावायरस इत्यादि भी डायरिया का कारण बन सकते हैं।
डायरिया के लक्षण (Diarrhea Symptoms in Hindi/)
डायरिया के कुछ मुख्य लक्षण हो सकते हैं ( Diarrhoea ke lakshan) जैसे कि:
- लूज मोशन: पेट से बार-बार दस्त आना।
- पेट में दर्द: डायरिया के साथ पेट में दर्द या अपाचन हो सकता है।
- बार-बार पेट साफ़ करने की इच्छा: डायरिया के समय बार-बार पेट साफ़ करने की इच्छा हो सकती है।
- उबकाई या ओंट: कुछ लोगों को डायरिया के साथ उबकाई या ओंट की समस्या हो सकती है।
- पेट में गैस: गैस या पेट में सूजन की समस्या हो सकती है।
छोटे बच्चों को दस्त क्यों होता है? (Causes of Diarrhea or Loose Motion in Kids)
छोटे बच्चों को डायरिया कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि:
- संक्रमण: छोटे बच्चों को वायरस, बैक्टीरिया या पारजीविक कीटाणुओं के संक्रमण के कारण डायरिया हो सकता है।
- खानपान की असंतुलना: अधिक तेलीय, मिर्चीयाँ या तीखे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से, अन्य खाद्य संबंधित असंतुलना के कारण भी बच्चों को डायरिया हो सकता है।
- दवाओं का सेवन: कुछ दवाओं का अधिक सेवन करने से भी बच्चों को डायरिया हो सकता है, जैसे कि एंटीबायोटिक्स।
- आहार में अलर्जी: किसी खाद्य पदार्थ के प्रति अलर्जी होने पर भी बच्चों को डायरिया हो सकता है।
- गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल समस्याएं: कुछ बच्चों को गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल समस्याएं, जैसे कि आइबीएस (आइरिटेबल बोल सिंड्रोम) हो सकती है, जो डायरिया का कारण बन सकती है।
- विषाणुजनित बीमारियाँ: कुछ विषाणुजनित बीमारियाँ, जैसे कि कोलेरा, रोटावायरस, बायोटेरियल इन्टरटाइस्टियल काउंटीनेंसी (बीआईसीआई) आदि, बच्चों को डायरिया का शिकार बना सकती हैं।
दस्त के कारण होने वाली अन्य बीमारियां (Diseases Caused by Diarrhea)
डायरिया से होने वाली कुछ अन्य बीमारियां शामिल हैं, जैसे कि:
- डेहाइड्रेशन (Dehydration): डायरिया के दौरान शरीर से पानी और खास धातुओं की कमी हो सकती है, जो डेहाइड्रेशन का कारण बन सकती है।
- इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन: डायरिया के कारण शरीर से विशेष धातुओं की हानि हो सकती है, जैसे कि सॉडियम, पोटेशियम और क्लोराइड। इससे इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है, जो गंभीर स्थिति हो सकती है।
- मलेरिया: जब पानी संक्रमित जल से डायरिया होता है, तो डायरिया के रोगी को मलेरिया का खतरा हो सकता है।
- डायसेंट्री: अगर डायरिया गंभीर होता है और उसमें खून आने लगता है, तो यह डायसेंट्री के लक्षणों का कारण बन सकता है।
- कमजोरी: लंबे समय तक डायरिया रहने पर शरीर में कमजोरी आ सकती है और पोषण की कमी हो सकती है।
डायरिया का निदान (diagnosis Of Diarrhoea)
डायरिया का निदान करने के लिए चिकित्सक आमतौर पर निम्नलिखित कदम अपनाते हैं:
- रोग का इतिहास: चिकित्सक आपसे रोग का इतिहास लेंगे, जिसमें आपके खान-पान, दवाओं का इस्तेमाल, और संक्रमित खाने के साथ संपर्क का विश्लेषण शामिल हो सकता है।
- शारीरिक परीक्षण: चिकित्सक आपका शारीरिक परीक्षण करेंगे और डायरिया के लक्षणों की जाँच करेंगे, जैसे कि डेहाइड्रेशन या तेजी से गर्म होना।
- सांद्रता जाँच: चिकित्सक कई मामलों में सांद्रता जाँच करेंगे, जैसे कि खाने या टॉयलेट जाने के पहले और बाद के हाथों की साफ़ता की जाँच करना।
- लैब टेस्ट: कई बार, डायरिया के कारण जांच के लिए स्टूल सैंपल का टेस्ट किया जाता है, जिसमें जीवाणुओं, पराजीविक कीटाणुओं या अन्य संक्रमण के मार्कर्स की जांच की जाती है।
- इमेजिंग टेस्ट: गंभीर मामलों में, जैसे कि दर्द या संक्रमण के चिन्हों के साथ, चिकित्सक इमेजिंग टेस्ट जैसे कि X-रे या CT स्कैन का अनुरोध कर सकते हैं।
डायरिया का इलाज (Treatment of Diarrhea in Hindi )
हरेक लोगों के मन में यह बात रहती है कि डायरिया कैसे ठीक होगा या डायरिया को कैसे करें कंट्रोल (Diarrhoea kaise theek hoga) । डायरिया को हम निम्न प्रकार से ठीक या कंट्रोल कर सकते हैं:
- हाइड्रेशन: डायरिया के इलाज में सबसे महत्वपूर्ण है हाइड्रेशन, यानी पानी की पूर्ति। रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए। अधिक पानी, नारियल पानी, और इलेक्ट्रोलाइट्स के प्रयोग से हाइड्रेशन को बढ़ाया जा सकता है।
- आहार: सादा और स्वस्थ आहार लेना भी महत्वपूर्ण है। डायरिया के समय तली हुई और मसालेदार चीजों से बचें। पौष्टिक और आसान खाद्य पदार्थ जैसे खिचड़ी, बनाना, दही, और चावल खाएं।
- दवाएं: यदि डायरिया गंभीर है, तो डॉक्टर द्वारा सलाहित दवाओं का उपयोग करें। आम तौर पर लोगों को एंटीबायोटिक्स या लोपेरामाइड जैसी दवाएं दी जाती है।
- आराम: शरीर को आराम और विश्राम देना भी उपचार में मददगार होता है। ज्यादा उतार-चढ़ाव से बचें और शारीरिक श्रम को कम करें।
- बचाव: डायरिया से बचाव के लिए हाथों को साफ रखें, खाने के बाद हाथ धोएं, और साफ-सुथरे पानी का उपयोग करें। गंदे पानी से बचें और साफ पर्यावरण में रहें।
डायरिया की रोकथाम (prevention Of Diarrhoea)
डायरिया को रोकने के लिए ये कुछ उपाय हैं:
- साफ-सुथरा पानी: साफ और पीने योग्य पानी का सेवन करें। अगर पानी संदिग्ध है, तो उसे पहले उबालें या शुद्ध करें।
- स्वच्छता: अपने हाथों को समय-समय पर साबुन और पानी से धोएं, खाने के साथ-साथ, खाने के बाद भी।
- अच्छी भोजन: स्वास्थ्यपूर्ण आहार लें, जिसमें सभी पोषक तत्व शामिल हों। खाद्यों को अच्छे से पकाकर खाएं।
- हाइजीन: अच्छे स्वास्थ्य के लिए, खासतौर पर खाने के स्थानों की सफाई का ध्यान रखें।
- टीकाकरण: डायरिया से बचाव के लिए उपलब्ध टीके करवाएं, जैसे कि रोटावायरस और चोलेरा के खिलाफ टीकाकरण।
- समुदाय के जागरूकता: अपने समुदाय में साफ-सुथरे पानी और स्वच्छता के महत्व को बढ़ावा दें।
दस्त का घरेलू इलाज (how to stop diarrhea naturally )
दस्त का घरेलू इलाज में कुछ विशेष उपाय हैं जो आपको इस समस्या से राहत दिला सकते हैं:
- पानी का सेवन: डायरिया के समय में शरीर में पानी की कमी हो सकती है, इसलिए अधिक से अधिक पानी पीने का प्रयास करें। साथ ही, नारियल पानी, अंगूर का रस, नमकीन छाछ, अनार का रस आदि भी पी सकते हैं।
- आहार में परिवर्तन: (Diarrhoea ka gharelu upchar): डायरिया के समय में उपार्जन खाद्य पदार्थ जैसे खिचड़ी, दाल-चावल, बनाना, अंकुरित धान, सूप आदि का सेवन करें। ये आहार आपको पोषण प्रदान करेंगे और डायरिया की समस्या को दूर करने में मदद करेंगे।
- अदरक का उपयोगः ( Ginger: Home Remedy to Stop Loose Motion in Hindi): अदरक को पीसकर उसका रस निकालें और शहद के साथ मिलाकर पीने से डायरिया कम हो सकता है।
- अजवाइन और सौंफ का सेवन: अजवाइन और सौंफ में उपस्थित एंटीबैक्टीरियल गुण डायरिया को दूर करने में मदद कर सकते हैं। इन्हें पानी में भिगोकर भीगोएं और निगलें।
- अंडा की सफेदी: अंडे की सफेदी को पानी में उबालें और फिर उसका पानी पीने से डायरिया में लाभ हो सकता है।
- धनिया पानीः (coriander:Home Remedies for Loose Motion in Hindi): धनिया के बीजों को पीसकर पानी में भिगोकर उसका पानी पीने से डायरिया में लाभ हो सकता है।
- विश्राम: अधिक से अधिक आराम करें। अधिकतम आराम लेने से शरीर को विश्राम मिलता है और डायरिया समस्या कम होती है।
Diarrhoea के दौरान आपकी जीवनशैली (Your Lifestyle During Diarrhea)
Diarrhoea के दौरान अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करना जरूरी होता है। मुख्य रूप से पानी की अधिक मात्रा में पीना चाहिए ताकि शरीर से नुकसान होने वाली ऊर्जा को पूरा किया जा सके। आहार में आसान पाचनीय भोजन जैसे कि दलिया, दाल का पानी, खीरा, और शकरकंदी को शामिल करना चाहिए। हाथों को साफ रखने और खाने के साथ-साथ उन्हें अच्छे से धोना चाहिए। अधिक सक्रियता से बचना चाहिए और अपने शरीर को अधिक आराम देना चाहिए, ताकि शरीर में ऊर्जा की कमी न हो।
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